गुरुवार, 30 जुलाई 2009

प्री बजट बिजनेस डेलिगेशन -भाई(विक्रम)और टल्ली(बेताल) भाग २


मोबाइल पर घंटी बजी.भाई का नंबर देख कर मैं चौंक गया.हडबडाते हुए बोला-
'हेलो, भाई..'
''भाई बोल रेला हूँ ..''
''हाँ, भाई...आपका नंबर देखते ही समझ गया था..कि आप ही होंगे...''
''मोबाइल पर अपुन का फोटो थोड़े ही आ रेला है..जो तू नंबर देख के समझ जाएंगा..!अभी मान ले पकिया अपुन के इज फोन पे बोलेंगा तो भी तू अपुन को समझ लेंगा क्या ..?''
''नहीं भाई....गलती हो गया.."
''तो ऐसे बोल न ..ज्यादा श्याणा काएकू बनता है रे.''
''अब सुन ले..दो बजे सीधा फाइनेंस मिनिस्ट्री के गेट के सामने मील.''
मेरा दिमाग चकराने लगा.
''फाइनेंस मिनिस्ट्री ..भाई सब ठीक तो है..''
''एक दम झकास...तू पहुँच जा...बाकी सर्किट बता देगा..''और भाई ने फोन काट दिया.मझे दौरा पड़ने को हो रहा था पर अन्य कोई विकल्प न देखकर में जैसे तैसे फाइनेंस मिनिस्ट्री की बिल्डिंग का सामने जा पहुंचा.
थोडी देर में काले कुरते और ब्लू जींस में सर्किट चौडा सीना किये मुस्कुराते हुए आते दिखा.पीछे पीछे भाई और पकिया चले आरहे थे.

''सर्किट...भाई..!आप सब यहाँ..क्या कर रहे हैं?''
''कुछ नहीं पाखी भाई..,फाइनेंस मिनिस्टर बजट पेश कर रेला है...और हमने सुना कि सब बिजनेस के बड़ा बड़ा लोग बिजनेस डेलिगेशन लेकर अपनी अपनी इंडस्ट्री के इंटरेस्ट के वास्ते फाइनेंस मिनिस्टर से मिल रेला है तो अपुन भाईलोग भी सोचा कि अपुन भी भाई इंडस्ट्री के वास्ते भी कुछ रीलिफ पैकेज के अनाउन्समेंट के वास्ते एक बिजनेस डेलिगेशन फाइनेंस मिनिस्टर से मिल ले तो ठीक रहेगा...अभी रिसेशन वर्ल्ड में बोत हो रेला है.''सर्किट
बोला.
''भाई इंडस्ट्री ?''
''अरे बोला न..अपुन भाई लोगों का भी तो बड़ा इंडस्ट्री है..भाई कमाल हो गया, इसको तो ये भी पता नहीं है...किडनेपिंग,ब्लेकमेलिंग,सुपारी,सट्टा,जमीं पर कब्जा,मकान खाली कराना, टिकट ब्लेक,नकली नोट,नकली स्टाम्प सत्यम शेअर, हवाला और एक का तीन करना...बाप,कितना बड़ा इंडस्ट्री है और तेरे कू पता इज नहीं..अरे पाखी भाई इस इंडस्ट्री में तो सबसे ज्यादा रिटर्न है..साला सीधा एक का दस होता है.बड़े बड़े लोग इसमें इन्वेस्ट करते है...अपुन की माने तो तू भी कुछ इन्वेस्ट कर दे एक दम सॉलिड रिटर्न मिलेगा बाप.. और किसी डी मेट अकाउंट की जरूरत नहीं..''
सर्किट चहक के बोला.
''सर्किट हमारे पास क्या इन्वेस्ट होना है.''मैंने कहा.
''और हाँ,सब नेता लोग अपुन के बिना कुछ भी नहीं..साला अपुन भाई लोग नहीं हो सब नेता गाँधी गिरी पे आ जायेंगे.''पकिया बोला.
''चुप कर बे पकिया..सब नेता लोग अपुन का बड़ा भाई है..उनके बारे में रेस्पक्ट रखने का.''भाई ने कहा.
''बरोबर बोला भाई..पण गर इज अपुन भाई लोग ना हो तो इलेक्शन का तो साला वाट लग जायेगी.''सर्किट बोला.
''अच्छा ..अच्छा, भाई, मान लिया तुम लोगो का इंडस्ट्री बहुत बड़ा है.पर फाइनेंस मिनिस्टर से तुम्हारी डिमांड क्या थी.''मैंने बात को खत्म करने के लिए पूछा.
''ये देख ले...सर्किट ने जींस की पिछली जेब से दो पेज का ज्ञापन निकाल कर मुझे दिया और खुद पास कड़ी मोटर साइकिल के कांच में अपने बाल सवारने लगा.
मैं धड़कते दिल से ज्ञापन पढने लगा.

सीधा मीले,
अपुन के कंट्री के
फाइनेंस मिनिस्टर कू,

लफडा--अपुन भाई लोगो के बिजनेस में बरोबर सेटिंग बिठाने के वास्ते.

रेस्पक्ट टनाटन,

बड़े भाई,

हिन्दू को राम राम ,मुसलमान को सलाम,सिख को सत् श्री अकाल,इसाई को मेरी क्रिसमस.तुम तो जानता इज है कि अपुन भाई लोगों ने कंट्री के वास्ते कितना कुछ तिकडम पानी बिठाया है.दर इज अपुन भाई लोग नहीं होते तो अपुन के देश भी अमरीका की तरह नियमो का गुलाम होता.कंट्री का क्या होता होता है..वो जी डी पी ..उसमे कम से कम तीस चालीस परसेंट तो अपुन लोगो का ही हिस्सा होएंगा.
आगे लिखते है कि कंट्री का सारा भट्केला लोग अपुन भाई लोगों की इंडस्ट्री का इज हिस्सा है.
अभी तुम बोलता है कि रियल एस्टेट में फस्क्लास ग्रोथ होएला है..माँ कसम सारा ग्रोथ अपुन भाई लोगो कि वजह से हुआ..बिहार में छत्तीस गढ़ में अपुन भाईलोगों की बिरादरी अपनी जान पर खेल कर लोगो के किडनेप मर्डर कर के कंट्री की सर्विस कर रेला है.
और कंट्री के नेता लोग तो अपुन लोगो के बड़े भाई और आदर्श होएला है..हमारे कई भाई लोग संसद में पहुँच कर कंट्री की सच्ची सेवा करेला है..और अपुन भाई लोगो की जिन्दगी में सबसे बड़ा प्रमोशन इज बड़े भाई बोले तो नेता बनना है.
अब सोचो की इलेक्शन में कितना दारू बाटना पड़ता है..अपुन लोग नहीं हो तो सारी पब्लिक प्यासी मर जाए..
अपुन ज्यास्ती नहीं लिखेगा..इतना ही कहेला है कि अपुन भाई लोगों की इंडस्ट्री में भी थोडा सेटिंग बिठालो.
अपुन की डिमांड आगे लिखे ली है--
१.जिन लोगो को हम भाई लोग किडनेप करे उनकी फॅमिली को लो इंटरेस्ट पे किडनेप लोन दिया जावे.
२.पुलिस,आर टी ओ के हफ्ते की रेट आधी की जावे.
३.भाई लोग जिस जमीन पर कब्जा करे या मकान खाली करावे उस पर लफडा बाजी बंद हो.
४.तेलगी भाई के बहुत सारे फर्जी स्टाम्स भाई लोगो के पास पडेले है..उनको वेस्ट करने से भाई लोगों की तो टें बोल गई है..सच में बाप कई भाई लोग बहुत नीचे आ गयेले है.अपुन का अड़वाइस है कि उनको सरकारी अफसर और नेताओं की बेनामी प्रोपर्टी की रजिस्ट्री में काम में लिया जावे...इससे दो लफडे एक साथ सेट हो जाएंगे..
५.सारे सिनेमा हाल में २५ परसेंट टिकट ब्लेक के लिए भाई लोगों के लिए रिजर्व रखे जाएं.
६.भाई लोगो को रिटर्न भरने में छूट दी जाए.और उनका मनी एक नंबर वाईट माना जाए ..अपुन प्रोमिस करता है कंट्री का ब्लेक मनी का प्रोब्लम खत्म हो जाएगा.
इसके अलावा संसद में पहुंचेले भाई लोगों की एक स्टेंडिंग कमिटी बनाई जाए.जो भाई लोगो के इंटरेस्ट के वास्ते काम करे.

आपके अपने भाई लोग.

''और अपुन तो बोला भाई जैसा इंटेलिजेंट भाई को राज्यसभा में मेंबर बनाया जाए.''सर्किट बोला.
''फिर फाइनेंस मिनिस्टर ने क्या कहा.''मैंने पूछा. ''कहना क्या था,वो तो अपुन को बहु भाव दिया.पण अपुन ने देखा उसके आस पास सिकुरिटी में वो इज अब तक छप्पन बैठा था.भाई ने कहा बे सर्किट अब खिसक ले नहीं तो अब तक सत्तावन अट्ठावन हो जाएंगा.और अपुन खिसक लिया.''सर्किट ने कहा.
''अरे भाई,आज तो अमावस है..साला टल्ली बहुत टाइम से बरगद पे लटकेला है.पिछली अमावस को अपुन लोग पुलिस के डर से अंदर ग्राउंड था...साला टल्ली मुर्दा हो कर मच मच कर रहा था.दो महीने से लटक रहा है..हा हा हा..''सर्किट हसने लगा.
''अरे,हाँ सर्किट आज तो अपुन का प्लान है टल्ली को ठिकाने लगाने का..पण टल्ली भी साला...स्टोरी ऐसी छोटी सुनाता है कि आधे रस्ते में बोलना पड़ जाता है.आज लम्बी सुनाए तो श्मशान ले जाकर साले को फूंक डालूँ.''भाई कहने लगा.
''पण भाई पिछली बार जो लकडिया रखवाई थी वे तो बारिश में गीली हो गई होगी,तो मैंने राशन कि दूकान से पांच पीपे केरोसीन वहां रखवा दिया है.''
''उसको छोड़ रुस्तम को बुलाया है कि नहीं..''
''उसका बंदोबस्त हो गया है भाई..''
हम सब रुखसत हुए.

उस अमावस की रात को भाई(विक्रम) ने टल्ली(बेताल)को बाद के पेड़ से उतारा और कंधे पर लटका लिया.
टल्ली ने अपने विलायती पव्वे से दो घूँट लगाकर स्टोरी चालू कर दी--
भाई सुन,
चन्द्रनगर गाँव का एक शान्ति लाल नाम का व्यक्ति अमरीका सेटल हो गया था.उसने वहां बहुत धन और नाम कमाया.उसकी इकलौती बेटी सुरेखा बहुत रूपवती,बुद्धिमान और समझदार थी.शांतिलाल अपनी बेटी की शादी किसी हिन्दुस्तानी नौजवान से करना चाहता था.क्योंकि शांतिलाल को हिन्दुस्तान की संस्कृति से बहुत प्रेम था.पर उसे एक ही चिंता थी.....हिन्दुस्तान में एक्सीडेंट बहुत होते है..इसलिए वह चाहता था कि सुरेखा की शादी ऐसे युवक से हो जो सुन्दर ,गुनी और समझदार होने के साथ साथ ट्रेफिक के बारे में भी पूरी जानकारी रखता हो.
तो उसने गुनी लड़को की खोज शुरू की ...एक से बढ़कर एक लड़के सुरेख के वर बनने के लिए आये.घर खानदान सुन्दरता ,पढाई,समझदारी के आधार पर तीन युवको हरिनाम,श्रीनाम और लक्ष्मीपति का चयन किया गया.
फिर एक दिन तीनो लड़को को शांतिलाल के घर बुलाया गया.वहां शांतिलाल की बेटी सुरेखा ने राखी के स्वयम्वर की तरह उन तीनो के आगे एक शर्त रखी और कहा -तुम तीनो में जो मरे एक प्रश्न का सही उत्तर दे देगा मैं उसके साथ ब्याह रचाऊँगी.
तीनो उसके प्रश्न का उत्तर देने को तैयार हो गए.
''किसी रोड के किनारे अगर लगातार पीली पट्टी हो तो उसका क्या मतलब होता है?''
हरिनाम ने कहा-वाहन चलाते समय इसको पार नहीं करना चाहिए.
श्री नाम ने कहा-वाहन चलाते समय न तो इसे पार करना चाहिय न इसको पार करके गाडी पार्क करनी चाहिए.
लक्ष्मीपति ने कहा-पीली पट्टी को उस समय पार करना चाहिए जब वाहन पार्क करना हो.

अब भाई तू बता सही उत्तर किसने दिया?अगर तू सही न बोला तो तेरे सर के हजार टुकड़े हो जायेंगे.

तो साथियों अब आप बताएं कि सही उत्तर क्या है?....
अगर सोच लिया हो तो नीचे भाई के उत्तर से तुलना करे और बताएं कि आप कितने सही थे.
हाँ एक और बात यह ब्लॉग यातायात कि जागरूकता के प्रयास का हिस्सा मात्र है...किसी भी विधिक सन्दर्भों में इसकी जानकारी का प्रयोग ना किया जावे. .इस ब्लॉग कि जानकारी के प्रयोग से पहले ब्लॉग लेखक की लिखित अनुमति अवश्य ली जावे.









तो भाई ने कहा---
टल्ली तू साला फिर स्टोरी को जल्दी खत्म कर रेला है..और ऐसे इज रहा तो तू साला जिन्दगी भर बरगद पर सड़ेगा...पण अपुन तेरे को बता देता है कि श्री लाल एकदम सही बोला.सड़क के बाएँ किनारे पट्टी सुरंग पुल आदि स्थानों में या असुरक्षित पार्किंग स्थानों में होती है..जिसको पार करना और पार्किंग करना दोनों माना होता है.

भाई,एकदम सही बोला...सरेखा कि शादी श्री लाल के साथ धूम धाम से हुई...
पण तू ने मौन तोड़ दिया तो अब मैं चला....!

हा..!हा...!हा...!!

और टल्ली (बेताल)फिर मुर्दा घर के बरगद पर लटक गया.

9 टिप्‍पणियां:

  1. its just "MIND BLOWING"....kya yai aapki rachna hai...ati sunder..aap mujhe ishi link per forward kar diya karai.

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  2. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  3. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
    गार्गी

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  4. गद्य में स्वाभाविक प्रवाह के साथ तरलता है. पहला भाग रोचक और मजेदार रहा. लम्बाई ठीक ठाक होने के बावजूद कहीं बेवजह खींचा नहीं गया. इस तरह की भाषा के साथ निर्वाह उतना आसान नहीं होता पर आपने बखूबी निभाया है. दूसरा भाग एक अलग पोस्ट हो सकता था हालांकि यहाँ पाठक के लिए तो बढ़िया ऑफर ही रहा:)

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  5. झकास लिखेला है बीडू ! झकास बोले तो .ये इनवेस्टमेंट विमेस्त्मेंट अपुनको कभी सम्झिच नहीं आयेला .तू ऐसे धकेला .की अपुन का सीना चौडा होना मांगता ...क्या...दे झप्पी !!!!

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  6. terrific..explosively loaded post!!..why thr is so silence since then...?

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